बीज चयन
बीज का चुनाव मिट्टी एवं स्थानीय जलवायु के अनुसार करें
परिपक्वता(maturity) के आधार पर- अगेतीया पछेती किस्म
प्रमाणित बीज लगाएं
2 साल से ज्यादा पुराना बीज बार-बार ना लगाएं
रोपाई के उपरोक्त समय के अनुसार
बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए
यदि कोल्ड स्टोरेज में रखना है तो उसकी भंडारण क्षमता को भी ध्यान में रखें
सही बीज चयन अत्यंत आवश्यक है क्योंकि यह कुल लागत का लगभग 40 – 50% हिस्सा होता है
भंडारण से बीज निकालना अंकुरित
अंकुरित अवधि तापमान पर निर्भर करती है
उत्तरी मैदानी क्षेत्र गर्म मौसम: 20 – 25 दिन पहले निकाले
देर बसंत फसल ठंडा मौसम: 20 – 25 दिन पहले निकालना आवश्यक
मुख्य शरद ऋतु फसल: 10 – 12 दिन पहले निकलना पर्याप्त
Pre Sprouting
बीज कंदो को छायादार स्थान पर पतली परत में फैलाकर सुखाएं
तेज धूप और अधिक गर्मी से बचाए अंकुरण के लिए आदर्श तापमान 15- 20°c होता है
बीज उपचार (Seed Treatment)
रोग नियंत्रण हेतु mancozeb जैसे फफूंदनाशी उपचारित करें
फफूंदनाशी रोग जैसे- ब्लाइट, रूट रोट, डार्क स्किन से सुरक्षा
Emesto: आलू के बीज कंदो के लिए एक आधुनिक और प्रभावी बीज उपचार उत्पाद है जो मिट्टी जनित बीमारियों और शुरुआती कीटों से सुरक्षा देकर उपज व गुणवत्ता दोनों को बेहतर बनाता है
बीज सुपतावस्था (seed dormancy )
कंद काटने से सुपतावस्था जल्दी टूटती है और अंकुरण तेज होता है
पूरे कंद पर 2-3 हल्के कट देने से अंकुरण में तेजी आती है
बीज काटना( seed cutting )
बिना अंकुर वाले बीज कंदो को लम्बवत कोण से काटे ताकि आंखों का सामान वितरण हो
यदि टुकड़े बड़े हो तो उन्हें क्षेतिज रूप से काटकर पुनः आंखों का संतुलन बनाए रखें हर कटे हुए भाग पर कम से कम 2 आंखें होनी चाहिए

बीच का आकार एवं दूरी
बीज कंद का आकार पौधों की शुरुआती वृद्धि और तनों की संख्या को प्रभावित करता है
बड़े कंदो से अधिक तने और तेज शुरुआती विकास होता है
अनुशंसित 30 – 40 ग्राम अंकुरित कंद दूरी 60 × 20 सेमी बीज दर लगभग 30- 35 क्विंटल / hectare
बीज कंद का आकार एवं अनुशंसित दूरी
10 – 20 ग्राम 10 cm
20 – 40 ग्राम 15 cm
40 – 60 ग्राम 20 cm
60 – 80 ग्राम 25 cm
80 – 100 ग्राम 30 cm
सावधानियां
काटने वाले चाकू को समय-समय पर सेनीटाइज करना चाहिए कटे
बीजों को 25 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान में ना लगाएं
अत्यधिक नमी व आसमान तापमान में कटे कंद जल्दी सड सकते हैं
रोपण से पूर्व कटे कंधों को कम से कम 24 घंटे छाया में सुखाएं
निष्कर्ष :
बीज चयन एवं उपचार आलू उत्पादन की नींव है। यदि बीज का चुनाव, अंकुरण, उपचार और रोपण वैज्ञानिक विधियों से किया जाए, तो उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है। अच्छे बीज की पहचान, उचित आकार का चयन, उचित दूरी पर रोपण, और रोगों से सुरक्षा – ये सभी कदम आलू की अच्छी उपज के लिए अत्यावश्यक हैं।
हर किसान को चाहिए कि वह क्षेत्र विशेष की जलवायु, मिट्टी की प्रकृति और बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए गुणवत्ता युक्त, प्रमाणित और रोगमुक्त बीज का चयन करे तथा नवीनतम उपचार तकनीकों का पालन करे। इससे खेती न केवल लाभकारी होगी, बल्कि स्थायी भी बनेगी।
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